दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती!
हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है!
कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है!
कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
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ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये
कैसा मोड है जिन्दगी का जो लोग खास है उन्की की कमी हैं
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये
कैसा मोड है जिन्दगी का जो लोग खास है उन्की की कमी हैं
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तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को,
चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को.
करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,,,,
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को
चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को.
करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,,,,
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को
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याद किसी को करना ये बात नहीं जताने की!
दिल पे चोट देना आदत है ज़माने की!
हम आपको बिल्कुल नहीं याद करते!
क्योकि याद किसी को करना निशानी है भूल जाने की
दिल पे चोट देना आदत है ज़माने की!
हम आपको बिल्कुल नहीं याद करते!
क्योकि याद किसी को करना निशानी है भूल जाने की
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कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ;
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ;
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ;
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
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तेरी याद मेँ आंसुओँ का समुंदर बना लीया,
तन्हाई के शहर मेँ अपना घर बना लीया,
सुना है लोग पूजते है पत्थर को,
ईस लीए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लीया।
तन्हाई के शहर मेँ अपना घर बना लीया,
सुना है लोग पूजते है पत्थर को,
ईस लीए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लीया।
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Yadein to dilon ko aur paas karti hain,
Zindagi to aap jaise shakhs par naaz karti hai,
Mat ho udaas ke aap door hain humse,
Kyun ke dooriyan hi rishton ko aur khaas karti hain.
Zindagi to aap jaise shakhs par naaz karti hai,
Mat ho udaas ke aap door hain humse,
Kyun ke dooriyan hi rishton ko aur khaas karti hain.
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Us ki yadon mein, us ki baton mein,
Kahin mera aks bhi jhilmilata hoga.
Laakh masroof hoga apne kaamon mein,
Phir bhi hamein soch kar kabhi to muskurata hoga.
Kahin mera aks bhi jhilmilata hoga.
Laakh masroof hoga apne kaamon mein,
Phir bhi hamein soch kar kabhi to muskurata hoga.
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Paigam to ek bahana tha,
Darasal apka ek pal churana tha.
Aap hame yaad kare ya na kare,
Par aapko hamari yaad dilana tha.
Darasal apka ek pal churana tha.
Aap hame yaad kare ya na kare,
Par aapko hamari yaad dilana tha.
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Yaadon ko teri hamne khone na diya,
Ghamo ne bhi chup hone na diya,
Aankhein to aaj bhi bhar aayi teri yaad mein,
Par teri di hui kasam ne hamein rone na diya.
Ghamo ne bhi chup hone na diya,
Aankhein to aaj bhi bhar aayi teri yaad mein,
Par teri di hui kasam ne hamein rone na diya.
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