Best Dil Shayari, dard-e-dil shayari sms, dilbar shayari

चाँद की चादँनी देखी, मौजो की रवानी देखी
मगर जब से कोई रूठा, नहीं कोई जीशानी देखी
खुश रहे वो हमेशा ये दुआ अजा़नो में रही
और दिन महीने साल यूं गुजरते जाये
तबियत से उनकी कामयाबी जिन्दगानी में देखी |

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 जिस दर्द में लुफ्त हो छिपा हुआ,
उस दर्द का ईलाज क्या होगा ?
जिस ग़म से मिलती हो खुशियां,
उस ग़म की दवा फ़िर क्या होगी ?

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 मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला.।

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 कागज़ पे हमने भी ज़िन्दगी लिख दी,
अश्क से सींच कर उनकी खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफ्जों पे,
लोगों ने कहा वाह क्या गजल लिख दी..|



 Raat Din Rulata Hai Intezar Tera;l
Kat Gayi Umar Lekin Kam Na Hua Pyaar Tera;
Ab To Aa Jao Ke Bahut Udas Hai Yeh Dil;
Sanson Kee Hi Tarha Lazmi Hai Deedar Tera!

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 Uske intezar ke maare hain hum
Bus uski yaadon ke sahaare hain hum
Duniya jeet kar kya karna hai ab
Jise duniya se jeeta tha,
Aaj usi se haare hain hum 

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 Ulfat ka Aksar yahi Dastur Hota hai
Jise chaho wahi apane se dur hota hai
Dil tuta kar bikharta hai
Eas kadar jese koi
Kanch ka khilona chur chur hota hai

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 तड़प के देखो किसी की चाहत में
तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है
यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे,
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है !! 

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 Dil ne jo chaha kabhi na paya,
Juthi muskan me hamne har gam ko chhupaya,
Har insan takdir ko Aazmata he,
Ek ham he jise har baar takdir ne Aazmaya KRISS JHA

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 तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे,
पर इनको ये बताना नहीं आया,
सोते हुए भीग जाती हे पलके मेरी,
पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया

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 ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते ….
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते …..
चलो अच्छा हुआ अपनों मैं कोई ग़ैर तो निकला….
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जात

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 दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं!
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब!
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं! 

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 हुस्न की पहचान बाकि है
परिंदों में जान बाकी है
मुस्कराकर रोता हुआ छोड़ गए हो तुम
धडकनों में जान बाकी है 

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 लम्हे तहे इंतेज़ार के अश्कों मेंबह गये
एक कार्ब आशना सा होतों पे रह गया
तुम से यह हालएदिल दीवानगी मेंकह गये
मतलब वफ़ा का अब तो मतलबही रह गया

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 Bichhad gaya hai jo uska saath kya mangu,
Zara si umr hai gham se nijat kya mangu,
Woh saath hota to zaruratein bahut hoti,
Akeli jaan ke liye kaynat kya mangu.

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 सुना था दर्द का अहसास तो चाहने वालों को होता है,
जब दर्द ही चाहने वाले दे तो एहसास कौन करेगा !!

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 खुद को संवारकर कहां तुम चले गए
मेरी दुनिया उजाड़कर कहां तुम चले गए
गुलशन के सारे फूल तोड़ चुके फिर भी
तितलियों को मारकर कहां तुम चले गए
जमाने के जुल्मों का हमें गम नहीं मगर
धोखे से वार कर कहां तुम चले गए
बुरे वक्त में जो रोते तेरे साथ चले थे
वो सब बिसार कर कहां तुम चले गए

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 हमने तो बेवफा के भी दिल से वफा किया
इसी सादगी को देखकर सबने दगा किया
मेरी तिश्नगी तो पी गई हर जख्म के आंसू
गर्दिश में आके हमने अपना घर बना लिया
मेरे सामने खुदा भी भला आ पाए तो कैसे
जिसके सितम को हंसके गले से लगा लिया
परेशानियों के दम पे टिकी है ये जिंदगी
इस गम से ही जीवन का सपना सजा लिया

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 खत्म न होंगे ये दर्द कभी याद रह जाएंगे हमदर्द सभी
जो बहता है, वो रूकता नहीं हो जाएगा वो सर्द कभी
जाने किस बुत की इबादत में हुआ फूलों का कत्ल अभी
जिस्म है जिसमें दिल ही नहीं हो चुके हैं खुदगर्ज सभी

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 जख्मे-दिल सीने में दरिया सा बहता है
मेरे खूने-जिगर में तेरा खंजर रहता है
तूने आशिकी में मेरे दिल के टुकड़े किए
तेरा जाना अब मुझे शीशे की तरह चुभता है
कोई अंजाम बाकी नहीं अब मेरे जीवन में
दर्द ही दर्द आठों पहर आंखों से रिसता है

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 Jaagte Hai Tanha Raato Me
Khota Hai Dil Unki Baato Me
Mili Nahi Dil Ki Manzil Aaj Tak
Kyunki Dard Hi Dard Likhe Hai In Haatho Me

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 आंसू की दरिया पे चले हम गम के सागर में डूबे हम
तू जो गई तो जीवन को भी बीच राह पे छोड़ गए हम
बरसों पहले चांद मिली थी तबसे उससे नहीं मिले हम
रात की सूली पे लटक कर रोज ही मरके जीते हैं हम

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 इतनी शिद्दत से जलाया खुद को इश्क की खाक में मिलाया खुद को
अपनी आरजू में तुझे पाया जबसे तुमको पाकर मैं खोया खुद को
मेरे कातिल तू गुनहगार नहीं हमने मुजरिम बनाया खुद को
सारे आंसू कैद हैं दिल में इतनी खामोशी से रूलाया खुद को

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 दिल की बातें दिल में रह गए आंसू बह गए, खूं भी जल गए
हर निशां, हर जख्म में तुम हो जब याद आई, टीस उभर गए
रूह में इश्क की लगन लगी है जिस्म की हर चाहत अब मर गए
जीवन भर अब सदमा रहेगा इक अरमां था, वो भी बिखर गए

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  Dil Ko Gham-E-Hayaat Ganwaara Hai In Dino
Pehle Jo Dard Tha Wahi Chaara Hai In Dino
Ye Dil Zara Sa Dil Teri Yaadon Mein Kho Gaya
Zarre Ko Aandhiyon Ka Sahara Hai In Dino

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 बेवफा हो गया है दर्द मुझी से दूर का रिश्ता हो गया खुशी से
एक बादल का टुकड़ा उड़ता था हमने बरसते देखा उसे बेबसी से
कोई कश्ती जब किनारे लगती है वो ठहरती है कितनी खामोशी से
जुल्म करती है जब मुझपे तन्हाई कत्ल करता हूं अपनी बेखुदी से

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 Pi Hai Sharab Har Gali Ki Dukan Se,
Dosti Si Ho Gayi Hai Sharab Ki Jam Se,
Gujre Hai Hum Kuch Aise Mukam Se,
Ki Aankhen Bhar Aati Hai Mohabbat Ke Nam Se.

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 Dard ki mehfil me sher arz karte hai,
Na kisi se marham ki Ummed karte hai,
kayi chehre lekar log jiya karte hai
hum in aasunao ko ek chehre ke liye piya karte hai

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 जब से दुनिया में आया है दुख ही तेरा साया है
एक नजर देख जालिम मीत पुराना आया है
अपने भी, पराए भी सबने हमें रुलाया है
जीवन भी एक दुख ही है इश्क में दुख ही पाया है

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 दर्द से मेरे दिल का रिश्ता तुमसे भी कुछ ऐसा ही था
दिल में कितने गुलाब खिले जब मन उलझा कांटों में था
कितने दुख सहे तेरे इश्क में इससे अच्छा तन्हा ही था
जब टूटा था घर ये मेरा दीवारों संग आईना भी था

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 Khamosh ho chuki hai zubaan jab se tum gaye ho
Meri aankhon mein toote hue sapne kuch de gaye ho
Unhi sapno mein ab zindagi ki guzzar karta hoon
Us khawab ko toda nahin jab se tum gaye ho.

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 किसने तोड़ा है सागर मैखाने में कोई टूटा है शायद मैखाने में
मैंने सर पे कफन जबसे बांध लिया सब डरते हैं मुझसे जमाने में
दर्द खुद को ही यूं मिटाता है अश्क दिखते नहीं सिरहाने में
आज भी सीने में वो खुशबू है कोई आया था कभी इन बाहों में

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 बहुत रोता है दिल सूनी रातों मेंगजल लिखता हूं सूनी रातों में
जहर चढ़ता है मेरे नस-नस म खुद को डसता हूं सूनी रातों में
अपनी यादों के टूटे आईने में तुमसे मिलता हूं सूनी रातों में
तेरे दर्द से उठ रहे शोलों से हर पल जलता हूं सूनी रातों में

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 जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए;
आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए;
खुद ही की है बेवाफाई तुमने;
ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए !!!

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  रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला है;
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है;
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से;
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।

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 जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती!
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से!
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!

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 किसी बेवफा ने मेरे दिल को तोड़ दिया,
इसलिए हमने रास्ता मोड़ लिया,
दिल की बात मत करना दोस्त,
हमने तो प्यार करना ही छोड दिया.

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 Yun HumKo Sataane Ki Zaroorat Kya Thi,
Dil Mera Tod Ke Jaane Ki Zaroorat Kya Thi,
Jo Nahin Tha Ishq To Keh Diya Hota,
Humein Yun Aazmaane Ki Zaroorat Kya Thi,
Maaloom Tha Gahre Khwaab Toot Jaayenge,
Neind Mein AaKar Jagaane Ki Zaroorat Kya Thi..

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 Na Zindagi mili..Na wafa mili..
Kyu har khushi meri hamsay khafa mili......
Jhuti mushkan liye apna dard chupate rahe.......
Saccha pyear karne kee kya khub saja mili....... 

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 Dard ki mehfil me sher arz karte hai,
Na kisi se marham ki Ummed karte hai,
kayi chehre lekar log jiya karte hai
hum in aasunao ko ek chehre ke liye piya karte hai

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 जख्म खाकर ही अपनी भूख मिटा लेते हैं
आंसू पीकर ही अपनी प्यास बुझा लेते हैं
झलकता है हर आईने में खुदगर्ज कोई
अपने चेहरे से हम आंखें हटा लेते हैं
मेरी रातों को दीपक की जरूरत ना रही
रोशनी के लिए तेरी याद जला लेते हैं
लोग मरते रहे जन्नत की खुशियों के लिए
और हम हैं कि अपना हर दर्द बढ़ा लेते हैं

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 Kyun dil ke mere tukde kar diye,
Kyun mere aansu apni muskan se baha diye,
Gunah kya tha mera bas chahna tumhein,
Kyun meri zindagi mein tune dard bhar diye.

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 Zindagi hai nadan isliye chup hoon,
Dard hi dard subah shaam isliye chup hoon,
Keh doon zamane se dastan apni,
Us mein aayega tera naam isliye chup hoon.

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 Tujh bin ek pal guzre mujhe achcha nahin lagta,
Dil tadapta hai dekhne ko har pal hai sisakta,
Tum to chale gaye yun bhula ke humein,
Hum aaj bhi dekh rahe hain tumhara rasta!!

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 Yaaro ki Mehfil Aise Jamai Jati Hai,
Kholane se Pehle Botal Hilaayi Jati Hai,
Fir Awaz Lgayi Jati Hai,
Aa Jao Tute DiL Walo,
Yaha Dard-E-DiL Ki Dawa Pilayi jati hai...

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 हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं |

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 वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं;
कहाँ से लायें लफ्ज़ जब हम को मिलते ही नहीं;
दर्द की जुबान होती तो बता देते शायद;
वो ज़ख्म कैसे दिखायें जो दिखते ही नही....

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 Bichhad gaya hai jo uska saath kya mangu,
Zara si umr hai gham se nijat kya mangu,
Woh saath hota to zaruratein bahut hoti,
Akeli jaan ke liye kaynat kya mangu.

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 Tute hue patte ka dard uski shakh se poochiye,
Dharti ki pyaas barsaat se poochiye,
Kitna yaad karte hain hum aapko,
Ye humse nahi khud apne aap se poochiye.



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