Sweet Sms for Girlfriend, Heart Touching Sms

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव
चली कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली।
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ।
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।। ..

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 शान्त मन में हमेशा शोर रहता है ,
ये दिल तो है मेरा पर इसमें रहता कोई और है


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 कमी नहीं थी मुझे मेरे अपनों की फिर
क्यों वो अजनबी मेरे दिल में बस गया 


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 लोग कहते हैं किसी एक के चले
जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस
एक की कमी पूरी नहीं होती है…


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 फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की;
निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की;
तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की।



 आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो;
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो;
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से;
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।


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 बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता;
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता;
वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं;
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता।


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 अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।

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 हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।


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 क्या कुछ न किया है और क्या कुछ नहीं करते;
कुछ करते हैं ऐसा ब-खुदा कुछ नहीं करते;
अपने मर्ज़-ए-गम का हकीम और कोई है;
हम और तबीबों की दवा कुछ नहीं करते।


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 न कोई किसी से दूर होता है,
न कोई किसी के करीब होता है,
प्यार खुद चल कर आता है,
जब कोई किसी का नसीब होता है|


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 मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों मे,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हे रातें रुलायेंगी|


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 हमारे दरमियाँ ये दूरियां ना होती,
गर कुछ मेरी मजबूरियाँ ना होती,
रहते ना यूं मेरे हाथ खाली,
गर रस्मों की ये बेड़ियाँ ना होती।


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 तमन्ना हो मिलने की तो,
बंद आँखों मे भी नज़र आएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हुए भी पास नज़र आएँगे !!


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 मत सोच कि मैं तुझे भुला नहीं सकता,
तेरी यादों के पन्ने मैं जला नहीं सकता,
कश्मकश ये है कि खुद को मारना होगा,
और अपने सुकून की खातिर, तुझे रुला नहीं सकता|


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 तेरे दर्द पर रोता हूँ आज भी,
तू बेदर्द हो गयी ज़माने से,
क्या कमी रह गयी मेरी मुहब्बत मे,
ये जिन्दगी बीत न जाये सुलझाने मे|


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 बहुत आसान है जमाने में जनम लेना,
बड़ी मुश्किल है एक उम्र तक जीवन जीना,
हम तो खामोश हैं तेरी ही खामोशी से,
तुमसे ही सीखा है हमने आंसू पीना..


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 दो कदम तो सब चल लेते हैं पर ,
ज़िन्दगी भर साथ कोई नहीं निभाता ,
अगर रो कर भूल जाती यादें ,
तो हस कर कोई गम न छुपाता .


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 भले ही किसी गैर की जागीर थीं वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थीं वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और की हिस्से की तक़दीर थीं वो|


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 मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता|


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 एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं|


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 मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,
वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।


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 कभी कोई अपना अनजान हो जाता है,
कभी अनजान से प्यार हो जाता है,
ये जरुरी नही कि जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो,
दिल तोड़ने वालो से भी प्यार हो जाता है।


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 आज अचानक तेरी याद ने मुझे रुला दिया,
क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया,
न करती वफ़ा न मिलती ये सज़ा,
शायद मेरी वफ़ा ने ही तुझे बेवफा बना दिया। 


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 हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले,
है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमें,
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले।


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 अंदाज-ऐ-प्यार तुम्हारी एक अदा है..
दूर हो हमसे तुम्हारी खता है..
दिल में बसी है एक प्यारी सी तस्वीर तुम्हारी..
जिस के नीचे ‘आई मिस यू’ लिखा है..


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 मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो,
दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो!!!


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 सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..


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 एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर..


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 तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,
नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,
तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,
फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.


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 तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!


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 तमन्ना हो मिलने की तो,
बंद आँखों मे भी नज़र आएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हुए भी पास नज़र आएँगे !!


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 मत सोच कि मैं तुझे भुला नहीं सकता,
तेरी यादों के पन्ने मैं जला नहीं सकता,
कश्मकश ये है कि खुद को मारना होगा,
और अपने सुकून की खातिर, तुझे रुला नहीं सकता|


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 तेरे दर्द पर रोता हूँ आज भी,
तू बेदर्द हो गयी ज़माने से,
क्या कमी रह गयी मेरी मुहब्बत मे,
ये जिन्दगी बीत न जाये सुलझाने मे|


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 कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता|


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 हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी,
मेरी वफायें उसके लिये फिजूल थीं,
कोई आस नहीं लेकिन कोई इतना बतादो,
मैंने चाहा उसे क्या ये मेरी भूल थी।


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 मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता|


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 एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं|


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 आँखों से आंसू भी न निकले और नमी भी है…
उनकी याद भी साथ है और तन्हाई भी है…
सांस तो साथ है मगर जिन्दगी नहीं…
हर सांस मे तू रहती भी है और तेरी कमी भी है…


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 इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिदंगी,
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है,
सुना है जिदंगी इम्तहान लेती है,
यहाँ तो इम्तहानों ने जिदंगी ले रखी है|


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  तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर;
दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ;
तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को;
जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ।


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 टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता;
इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता;
ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा;
कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता।


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 तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है;
पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है;
जिसे मिली न मोहब्बत उसके ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं;
ये मोहब्बत पाने वाला भी दर्द से कहाँ दूर है।


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 दुःख देते हो खुद और खुद ही सवाल करते हो;
तुम भी ओ सनम, कमाल करते हो;
देख कर पूछ लिया है हाल मेरा;
चलो शुक्र है कुछ तो ख्याल करते हो।


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 तुझे अपना बनाने की हसरत थी,
जो बस दिल में ही रह गयी;
चाहा था तुझे टूट कर हमने;
चाहत थी बस चाहत बन कर रह गयी।


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 चुपके चुपके कोई गम का खाना हम से सीख जाये;
जी ही जी में तिलमिलाना कोई हम से सीख जाये;
अब्र क्या आँसू बहाना कोई हमसे सीख जाये;
बर्क क्या है तिलमिलाना कोई हम से सीख जाये।


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 रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी;
कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी;
ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी;
बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।


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 अंदाज-ऐ-प्यार तुम्हारी एक अदा है..
दूर हो हमसे तुम्हारी खता है..
दिल में बसी है एक प्यारी सी तस्वीर तुम्हारी..
जिस के नीचे ‘आई मिस यू’ लिखा है..



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